रविवार, 23 अगस्त 2015

तुम्हारे होने का मतलब









नीरज पाल
[DSCN5535.JPG]
रचना मेरे लिए एक महत्व रखती है...और रचना सही मायने में रचना नहीं बल्कि क्षणिक आवेगों और संवेदनाओं का बहाव होता है. इसलिए अनुरोध है कि इसे मेरा व्यक्तित्व न समझें.




तुम्हारे होने का मतलब.......
ठीक वैसा ही है,
जैसे कड़कती ठंढ में अलाव की आंच.
(कुछ होने जैसा और बहुत कुछ ना होने जैसा, यह कुछ वैस ही है जैसे एक बड़े शहर के स्काइलाइन के ठीक ऊपर खड़े होकर चमकती रोशनियों के पार, फैली झील के ऊपर लिपटी धुंध, और जहाँ अँधेरा होने के बावजूद, चमकती चांदनी में शफ्फाक धुंध का सफ़ेद होकर चमक जाना)
तुम्हारे होने का मतलब,
यह भी है, 
कि खिली गुलदाउदी में पड़ी ओस का मोतियों सा चमक जाना,
(कुछ ऐसा भी जैसे उस फोटोग्राफर को बेस्ट फोटोग्राफर का अवार्ड मिलना सबसे सुन्दर फोटो खींचने पर, उस फोटो पर जिसमे उसने गर्द से भरी दिल्ली की भोर में प्रदुषण के गुब्बारों को कैद किया था, लेकिन वहीँ बगल के कृत्रिम झील मं छोड़ आया था, दूर देश से उड़ आये उस सैलानी साइबेरियाई पक्षी को, जो कैद हो जाना चाहता था उसके काले लेंसों में हमेशा के लिए)
तुम्हारे होने का मतलब,
यह कतई नहीं कि प्रेम अपने उफान पर है,
बल्कि ऐसा जैसे प्रेम का अंकुरित हो जाना,
उस बंजर धरती पर,
जहाँ सालों पानी की एक बूँद भी नहीं ठहर पायी थी.
(गाँव के बाहर की वह जमीन सालों से उजाड़ पड़ी थी, सुना था की वहां पहले एक तालाब हुआ करता था, जिसे जमीन बढाने की लालच में लोगों ने भर दिया था, और फिर वहां नहीं उगा कुछ भी, नहीं टिका कुछ भी, और पानी की बूँद पड़ते ही झक्क से भाप बनकर उड़ जाया करती थी, सालों से शायद उसे था मेरे ही प्रेम का इंतज़ार, पता है आज वहां पारिजात खिला था.)
तुम्हारे होने का मतलब,
खुशबु का फ़ैल जाना बिलकुल नहीं हो सकता,
बल्कि वह कुछ ऐसा है जैसे,
फूटपाथ पर पड़ी उस बच्ची की मुस्कान,
जिसे आज ही ठंढ से बचने के लिए,
दो जोड़ी जूते और एक कम्बल मिलें हों.
तुम्हारे होने के कई मतलब हैं, लेकिन तुम्हारा ना होना वैसा ही जैसा, अरावली की वह कातर ध्वनि, जिसे अब कोई नहीं सुनना चाहता, बस रौंद रही हैं काली सडकें, और गुम्म होता शांत कलरव, अरावली अब भी खड़ा है, प्रेम के इंतज़ार में, क्या उसे मिलेगा वह प्रेम, उस बच्ची की तरह, गाँव के बाहर की उस बंजर जमीन की तरह, और झील के ऊपर उतर आई उस ओस की तरह, या फिर खुद को चिढाती उस फोटोग्राफ की तरह. शायद उसको मेरी तरह तुम्हारे होने जैसा कोई अभी नहीं मिला है.








2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बहुत आभार रश्मि जी, यह बहुत बड़ी बात है मेरे लिए।

    जवाब देंहटाएं
  2. तुम्हारे होने के कई मतलब हैं, लेकिन तुम्हारा ना होना वैसा ही जैसा, अरावली की वह कातर ध्वनि, जिसे अब कोई नहीं सुनना चाहता, बस रौंद रही हैं काली सडकें, और गुम्म होता शांत कलरव, अरावली अब भी खड़ा है, प्रेम के इंतज़ार में, क्या उसे मिलेगा वह प्रेम, उस बच्ची की तरह, गाँव के बाहर की उस बंजर जमीन की तरह, और झील के ऊपर उतर आई उस ओस की तरह, या फिर खुद को चिढाती उस फोटोग्राफ की तरह. शायद उसको मेरी तरह तुम्हारे होने जैसा कोई अभी नहीं मिला है. single bed razai cover , best bath towels 2020 ,

    जवाब देंहटाएं